पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगी बेटी, नगरोटा सीट पर चुनावी संघर्ष तेज

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जम्मू- कश्मीर
बिहार में विधानसभा चुनाव के शोर के बीच कई राज्यों की कुछ सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं, इसमें जम्मू- कश्मीर की 2 सीटें शामिल हैं. बडगाम के अलावा नगरोटा सीट पर सभी की नजर है. नगरोटा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था और विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद यहां पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. पार्टी ने देवेंद्र सिंह की बेटी देवयानी राणा को टिकट दिया है. जबकि शिया मुस्लिम नेता आगा सैयद मोहसिन को बडगाम सीट से उतारा गया.

देवेंद्र सिंह राणा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई थे और उनका पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया था. तब से यह सीट खाली थी. देवेंद्र सिंह साल 2014 में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. तब उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी और 2 बार के विधायक नंद किशोर को हराया था. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए.

धारा 370 के समर्थन में छोड़ दी थी पार्टी
दो बार विधायक रहे देवेंद्र सिंह पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) में थे. उन्हें जम्मू में एनसी का बड़ा चेहरा माना जाता था. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के विरोध में, गुप्कर घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) के तहत कश्मीरी पार्टियों- जिनमें उनकी अपनी एनसी भी शामिल थी- के एकजुट होने के बाद, उन्होंने साल 2021 में कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया था. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए.

जम्मू-कश्मीर में पिछले साल विधानसभा चुनाव कराया गया तो बीजेपी ने नगरोटा सीट से देवेंद्र सिंह राणा को टिकट दिया. इस बार उन्होंने जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी जोगिंदर सिंह को 30,472 मतों के अंतर से हराया था. हालांकि चुनाव जीतने के कुछ समय ही लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. ऐसे में अब इस सीट से उनकी बेटी देवयानी राणा को पार्टी ने उतारा है.

अमेरिका से पढ़ाई, पिता का बिजेनस
पिछले साल अक्टूबर में अपने पिता के निधन के बाद सक्रिय राजनीति में आईं देवयानी राणा को इस साल जनवरी में भारतीय जनता युवा मोर्चा का जम्मू-कश्मीर उपाध्यक्ष बना दिया गया. वह एक व्यवसायी भी हैं और काफी समय से पिता के साथ बिजनेस देखती थीं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की भतीजी, देवयानी राणा ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बैचलर की डिग्री हासिल की है. देवयानी 3 भाई-बहनों (2 बहनों और एक भाई) में सबसे बड़ी हैं और व्यवसायी भी हैं. वह अपने पिता के निधन से पहले भी उनके बिजनेस का मैनेजमेंट देखा करती थीं. इस दौरान वह नगरोटा निर्वाचन क्षेत्र का नियमित दौरा भी करती रही हैं. अपने क्षेत्र में लगातार सक्रियता की वजह से पहले से ही उन्हें इस सीट का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था.

 

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