काबुल से कराची तक हलचल: तालिबान का भारत की तरफ झुकाव, पाकिस्तान का गुस्सा फूटा

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इस्लामाबाद
अफ़ग़ानिस्तान के साथ तनाव के बीच, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी ज़हर उगला है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पुराने रिश्तों का दौर खत्म हो गया है। आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में रह रहे अफ़ग़ान नागरिकों को तुरंत अपने देश लौट जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "अब उनकी अपनी सरकार है। हमारी ज़मीन और संसाधन सिर्फ़ 25 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए हैं।"

गौरतलब है कि पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफ़ी बढ़ गया था। सीमा पर गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे। इसके बाद 48 घंटे का युद्धविराम हुआ। शुक्रवार शाम 6 बजे युद्धविराम समाप्त होने से पहले ही यह घोषणा कर दी गई कि दोहा में वार्ता समाप्त होने तक इस अस्थायी युद्धविराम को बढ़ाया जा रहा है। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान के पटिका प्रांत में हवाई हमला किया।

तालिबान अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौता टूट गया है। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान को 836 विरोध पत्र भेजे हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान पर 13 माँगें रखी गई हैं, जो सभी सीमा पार आतंकवाद से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई भी प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा। अब कोई विरोध पत्र या शांति की अपील नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जहाँ भी आतंकवाद पनपता है, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ती है।

भारत का भी ज़िक्र किया गया
आसिफ ने भारत का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि तालिबान सरकार भारत की ओर से काम कर रही है और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ साज़िश रच रही है। उन्होंने कहा, "काबुल के शासक अब भारत की गोद में आ गए हैं। वे कभी हमारे संरक्षण में रहते थे।" ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर अफ़गानिस्तान सीमा पर कोई भड़काऊ गतिविधि करता है, तो उसका मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा। गौरतलब है कि अफ़गान विदेश मंत्री के भारत दौरे के दौरान पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया था। यह साफ़ दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकवादी घटनाओं से ज़्यादा भारत और अफ़गानिस्तान के बीच बढ़ती नज़दीकियों को लेकर चिंतित है।

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