डेनमार्क में मीथेन उत्सर्जन पर सख्ती: गायों की गैस पर टैक्स, पेड़ लगाने पर 60% की सब्सिडी

Spread the love

कोपेनहेगन

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए डेनमार्क सरकार ने एक अनोखा कानून बनाया है. इसका नाम है “फ्लैटुलेंस टैक्स” यानी गायों द्वारा छोड़ी गई गैस पर टैक्स. यह कानून 18 नवंबर 2024 को घोषित किया गया था. इसके अनुसार, 2030 से डेनमार्क के किसानों को अपनी गायों और सूअरों की डकार और गैस उत्सर्जन पर टैक्स देना होगा. 2030 में किसानों को प्रति टन मीथेन पर 300 डेनिश क्रोनर (लगभग 24,100 रुपये) टैक्स देना होगा. 2035 तक यह राशि बढ़कर 750 क्रोनर (लगभग 10,000 रुपये) हो जाएगी. 

पेड़ लगाने पर मिलेगी 60 फीसदी की छूट
हालांकि, अगर किसान पेड़ लगाकर उत्सर्जन (emissions) कम करेंगे तो उन्हें 60% की छूट मिलेगी. यह टैक्स गाय और भैंसों से निकलने वाली मीथेन गैस को कम करने के लिए लगाया गया है. मीथेन एक ग्रीनहाउस गैस है, जो कार्बन डाइऑक्साइड से कई गुना ज्यादा खतरनाक है. एक गाय रोजाना करीब 500 लीटर मीथेन छोड़ सकती है.

 न्यूजीलैंड ने भी 2022 में लगाया था टैक्स
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में जानवरों से होने वाला उत्सर्जन कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 12% है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हम इस सदी के पहले आधे हिस्से में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं, तो 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को 45% तक घटाना जरूरी है. इससे पहले न्यूजीलैंड ने भी 2022 में किसानों पर इसी तरह का टैक्स लगाने का ऐलान किया था, लेकिन 2024 में किसानों के विरोध के बाद इसे रद्द कर दिया गया.

Related Articles

Back to top button