स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्लीः पंजाब-हरियाणा तक फैली जहरीली हवा से हाहाकार

नयी दिल्ली
हरियाणा के कुछ हिस्सों में बुधवार को वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में यह 'खराब' श्रेणी में रही। वहीं, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जहरीली हो चुकी है। दिल्ली में सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' तथा 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 रहा। नारनौल और जींद में भी AQI 367 रहा जो के 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। CPCB के समीर ऐप के अनुसार 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता वाले अन्य स्थानों में चरखी दादरी (362), रोहतक (358), यमुनानगर (347), फतेहाबाद (320) और बल्लभगढ़ (318) शामिल हैं।
हरियाणा में 'खराब' एकक्यूआई वाले स्थानों में बहादुरगढ़ (272), गुरुग्राम (290), करनाल (243), भिवानी (298), फ़रीदाबाद (218), कैथल (237), करनाल (243), कुरूक्षेत्र (226) और सोनीपत (285) शामिल हैं। पंजाब के अमृतसर में सुबह नौ बजे AQI 253, जालंधर में 261, पटियाला में 207 और लुधियाना में 234 दर्ज किया गया। वहीं चंडीगढ़ में एकक्यूआई 169 दर्ज किया गया।
कोलकाता, हावड़ा में वायु गुणवत्ता ‘खराब'
कोलकाता और हावड़ा शहर में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘‘खराब'' रही। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि जादवपुर स्थित वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 (पीएम 2.5) और बल्लीगंज में 141 (पीएम 2.5) था। सिंथी क्षेत्र में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में AQI 142 दर्ज किया गया जबकि कोलकाता के निकट स्थित न्यू टाउन में यह 165 था। उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे फोर्ट विलियम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 था, जबकि निकटवर्ती हरित क्षेत्र विक्टोरिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 रहा। रवींद्र सरोवर वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे AQI 128 दर्ज किया गया।
मंगलवार को जादवपुर में AQI 207 था जबकि बल्लीगंज में यह 213 था, जो सोमवार आधी रात के क्रमशः 159 और 134 से काफी अधिक है। मंगलवार आधी रात को हावड़ा के बेलूर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 था, जबकि हावड़ा के शिबपुर बॉटनिकल गार्डन क्षेत्र के कथित हरित बफर क्षेत्र में भी यह 195 था।
हावड़ा के औद्योगिक शहर घुसुरी में सुबह नौ बजे AQI 179 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 से 200 के बीच ‘खराब', 201 से 300 के बीच ‘बहुत खराब' और 300 से ऊपर ‘गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है। पर्यावरणविदों ने दावा किया कि सोमवार और मंगलवार को महानगर में आधी रात तक पटाखे फोड़े जाने के कारण हवा में महीन प्रदूषक कण घुल गए।
डब्ल्यूबीपीसीबी के अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI के बिगड़ने को सीधे तौर पर पटाखे फोड़ने से नहीं जोड़ा जा सकता। AQI पिछले साल से कम है। इसके अलावा नीरी द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों का ज्यादातर इस्तेमाल किया गया।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI में किसी भी तरह की गिरावट के लिए मौसम को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, क्योंकि बारिश या दक्षिणी हवाओं के अभाव में गर्म और आर्द्र परिस्थितियों के बीच प्रदूषक हवा में मौजूद रहते हैं…।''
उन्होंने कहा कि वे परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं। पर्यावरणविद् सोमेन्द्र मोहन घोष ने आरोप लगाया कि कोलकाता और हावड़ा में सोमवार और मंगलवार की शाम को आधी रात तक तेज आवाज वाले पटाखे फोड़े गए, जो पीसीबी द्वारा दी गई रात आठ बजे से 10 बजे तक की समय-सीमा से कहीं अधिक था।