75 साल पुराने एमवायएच अस्पताल में होगा व्यापक नवीनीकरण, चूहा कांड के बाद 1700 नए बेड की तैयारी

इंदौर शहर के सबसे बड़े महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) की दूसरी नई बिल्डिंग के प्लान में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले यह अस्पताल 1450 बेड का बनाया जा रहा था, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अब इसे 1700 बेड का बनाया जाएगा। इस नए अस्पताल को लेकर पिछले दिनों भोपाल और इंदौर में अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें बजट बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। इंदौर शहर में एमवायएच अस्पताल के नए भवन को लेकर भोपाल में हुई बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में प्रारंभिक ड्राइंग डिजाइन को अनुमति दी गई है। एमवायएच में बढ़ती मरीज संख्या देखते हुए 1450 के बजाय इसे 1650 से 1700 बिस्तरों की सुविधा के साथ विकसित करने पर सहमति बनी है।
जल्द ही जी प्लस 9 के नए भवन का निर्माण शुरू होगा। प्रारंभिक डिजाइन अनुसार इसे तीन ब्लॉक में बनाया जाना है। हर ब्लॉक में अलग-अलग सुविधाएं रहेंगीं। वर्कऑर्डर के बाद से तीन साल में इसे पूर्ण करने का लक्ष्य है।
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों हुए चूहा कांड के बाद 75 साल पुराने एमवायएच भवन के जर्जर होने की स्थिति को लेकर शासन स्तर पर जानकारी पहुंची। इसके बाद इस कार्य को तेजी से पूरा करने को लेकर शासन व विभाग ने प्रयास शुरू किए हैं।
50 साल की जरूरतों को देखकर अपडेट हुआ प्लान
अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल के प्लान को अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर अपडेट किया गया है। वर्तमान में एमवाय अस्पताल की ओपीडी में ही रोज 2500 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए आते हैं, इसके अलावा बड़ी संख्या में मरीज भर्ती भी रहते हैं। मरीजों के इसी बढ़ते दबाव को देखते हुए बेड क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 773 करोड़ के मौजूदा बजट को भी बढ़ाया जाएगा।
तीन ब्लॉक में बनेगी 9 मंजिला इमारत
अस्पताल की नई बिल्डिंग तीन अलग-अलग ब्लॉक में बनाई जाएगी, जबकि मौजूदा बिल्डिंग में सभी विभाग एक ही ब्लॉक में हैं। यह नई बिल्डिंग तल मंजिल सहित कुल नौ मंजिला होगी। इसके लिए जिस जगह का चयन किया गया है, वहां से चाचा नेहरू अस्पताल, सुपर स्पेशिएलिटी और कैंसर अस्पताल काफी नजदीक रहेंगे। इससे मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल आने-जाने में भी सुविधा होगी।
जर्जर हो रही पुरानी बिल्डिंग
वर्तमान में एमवायएच की बेड क्षमता 1150 बेड की है। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग काफी जर्जर हो चुकी है और दीवारों में जगह-जगह सीलन की समस्या आम हो गई है। हाल ही में लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने भी इस पुरानी बिल्डिंग के रिनोवेशन को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
नर्सिंग हॉस्टल और पार्किंग भी प्रस्तावित
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि मप्र भवन निर्माण कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा नियुक्त एजेंसी 'डिजाइन ऐड फोरम कंसल्टेंट न्यू दिल्ली' ने काम शुरू कर दिया है। 1700 बेड के अस्पताल निर्माण से मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। इस बिल्डिंग के साथ ही 550 बेड का नया नर्सिंग होस्टल और स्टाफ व मरीजों के अटेंडर के लिए वाहन पार्किंग का निर्माण भी प्रस्तावित है।
मिट्टी परीक्षण हो चुका
भवन निर्माण के लिए एक माह पहले मिट्टी परीक्षण हो चुका है। दो से तीन बार एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बैठक हुई। इसमें हर यूनिट के विभागाध्यक्ष से मरीजों की सुविधाएं व प्रारंभिक बदलाव के सुझाव लिए गए थे। नए भवन के लिए एमवायएच में जगह चयन के बाद अब अतिक्रमण व पुराने भवन आदि को लेकर भी कार्य शुरू किया जाएगा।