हरियाणा में गुरु तेग बहादुर सम्मान, PM मोदी सिक्का जारी करेंगे; कार्यक्रम में केवल CM सैनी बोलेंगे

कुरुक्षेत्र
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में नौवें सिख गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ को लेकर भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पूरी नगरी सज-धजकर समागम का स्वागत करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या से दर्शन के बाद शाम करीब चार बजे कुरुक्षेत्र पहुंचेगे। उनका आगमन देशभर के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है। प्रधानमंत्री हेलिपेड पर उतरने के तुरंत बाद 206 करोड़ रुपये से बने महाभारत अनुभव केंद्र का निरीक्षण करेंगे और केंद्र परिसर में दो करोड़ की लागत से तैयार पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन करेंगे।
समागम स्थल पर वे गुरु ग्रंथ साहिब के सामने नतमस्तक होंगे और गुरु तेग बहादुर जी व उनके परिवार के जीवन व संघर्ष पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री पटियाला के 350 बच्चों द्वारा प्रस्तुत कीर्तन का श्रवण करेंगे और मंच पर जाकर संबोधन देंगे।
गुरु तेग बहादुर पर एग्जीबिशन देखेंगे पीएम
पीएम चार बजे पांचजन्य चौक का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री हरियाणा सीएम नायब सैनी के साथ ज्योतिसर में महाभारत अनुभव केंद्र जाएंगे। वहां से पीएम साढ़े चार बजे ज्योतिसर में आयोजित 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे। यहां वह सबसे पहले गुरु तेग बहादुर पर लगाई गई एग्जीबिशन देखेंगे। इसके बाद प्रार्थना और कीर्तन में शामिल होंगे। सेंड आर्ट म्यूजिकल शो भी होगा।
सिर्फ सीएम सैनी की स्पीच होगी
पीएम के इस शेड्यूल में सिर्फ हरियाणा सीएम नायब सैनी की स्पीच होगी। वह अपने संबोधन में पीएम का स्वागत करेंगे। सिरोपा भेंट किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री कॉफी टेबल बुक का अनावरण करेंगे। इस दौरान पीएम 350वें शहीदी दिवस पर पीएम डाक टिकट और एक सिक्का रिलीज करेंगे।
पांच बजे के करीब पीएम ब्रह्मसरोवर पहुंचेंगे, जहां वह ग्रुप फोटोग्राफ में शामिल होंगे। मंदिर में दर्शन और पूजा के बाद पीएम साढ़े बजे अंबाला से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
मुख्य मंच पर नीचे बैठेंगे PM मोदी
मुख्य मंच को 25 एकड़ में बनाया गया है। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब विराजमान होंगे। मंच के एक तरफ 350 बच्चियां कीर्तन करेंगी, जबकि दूसरी तरफ PM मोदी और अन्य नेता बैठेंगे। इस मुख्य पंडाल कहीं पर भी बैठने के लिए कुर्सी नहीं होगी। सब नीचे जमीन पर ही बैठेंगे और गुरु ग्रंथ साहिब मंच से करीब ढाई फुट ऊपर विराजमान रहेंगे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री डाक टिकट और गुरु जी के नाम पर स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे। वे समागम स्थल पर लंगर का प्रसाद ग्रहण भी कर सकते हैं। पूरे कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। तीन हेलिपेड की जांच सेना द्वारा की गई, जबकि एसपीजी की टीम कार्यक्रम स्थल पर निगरानी बनाए हुए है।
इतिहास के अनुसार गुरु तेग बहादुर जी दो बार कुरुक्षेत्र आए थे। पहली बार 1665 में धर्म प्रचार के लिए और दूसरी बार 1672 में दिल्ली जाते समय। इस पावन धरती पर उनके आगमन और उपदेश आज भी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।



