पराली संकट का टिकाऊ उपाय! पंजाब के गांव में शिवराज सिंह चौहान ने जुटाई ग्राउंड रिपोर्ट

Spread the love

चंडीगढ़ 
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान पंजाब दौरे पर हैं. यहां वे किसानों, मनरेगा लाभार्थियों और ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यक्रमों में संवाद करने वाले हैं. इसी कड़ी में वे आज शिवराज चौहान मोगा के रणसिंह कलांपहुंचे. यहां उन्होंने किसानों के साथ बैठकर खाना खाया और मनरेगा में काम करने वाले लोगों से बातचीत की. इसके साथ ही उन्होंने यहां के पराली मैनेजमेंट को समझा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा “मैं पराली मैनेजमेंट पर हुए काम को देखना चाहता हूं, जहां पराली को जलाने के बजाय खेतों में मिलाया गया है. मैं इसे पूरे देश को दिखाना चाहता हूं. मैं अभी रणसिह कलां आया हूं, और यहां के लोगों का प्यार और स्नेह अद्भुत है.”
 
रणसिंह कलांमें पराली जलाना है बंद
पंजाब के मोगा जिले का रणसिंह कलां गांव देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के किसान एक तरह से मिसाल बन गए हैं. इस गांव के किसानों ने पिछले सालों से पराली नहीं जलाई गई है. यहां किसानों ने पराली को जलाना पूरी तरह से बंद कर दिया है. 2019 में पंचायत द्वारा पराली जलाने पर बैन लगाने के बाद से 150 किसानों ने 1301 एकड़ में खड़ी पराली को जलाए बिना खेतों की मिट्टी में मिला दिया. इससे मिट्टी उपजाऊ भी हुई है. इसके साथ ही खाद की मांग घट गई है.

कैसे नष्ट हो रही पराली
रणसिंह कलांगांव में किसानों ने पराली जलाने के बजाय इसे खेतों में ही खत्म करना शुरू कर दिया है. किसानों सुपर सीडर जैसी मशीनों का यूज करके पराली को मिट्टी में मिला रहे हैं. इसके अलावा किसान सोसायटी भी चला रहे हैं. इसके जरिए पराली को खेतों में मिलाने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे गए हैं. जिनसे काम किया जा रहा है. रणसिंह कलां की इस पहल के बाद आसपास के गांव भी इसे अपना रहे हैं. यही वजह है कि खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रणाली को देखने पहुंचे हैं. यहां उन्होंने किसानों से पूरी प्रक्रिया को समझा है. यहां किसानों को पराली न जलाने पर मुआवजा भी दिया जाता है. इसके साथ ही लकी ड्रा भी कराया जाता है.

 

Related Articles

Back to top button