हरियाणा सिर्फ मार्केट नहीं, मैन्युफैक्चरिंग की रीढ़ बन रहा है: सैनी का बड़ा बयान

गुड़गांव
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सिर्फ एक बाज़ार नहीं है, यह विनिर्माण की महाशक्ति है। यह ऑटो मोबाइल, आई.टी. और अन्य उद्योगों का बड़ा केन्द्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि टेस्ला भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण संयंत्र हरियाणा में ही स्थापित करेगा और टेस्ला की अन्य संबंधित इकाईयां भी यहां लगेंगी। मुख्यमंत्री वीरवार को गुरुग्राम में टेस्ला इंडिया मोटर्स के देश के पहले ऑल इन वन केंद्र का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने टेस्ला इंडिया मोटर्स के केंद्र का उद्घाटन करने उपरांत अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा में उद्योगों की 'कॉस्ट ऑफ डुइंग बिजनेस' को कम करने के लिए हरियाणा सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों के तहत औद्योगिक प्लाटों के लिए विशेष 'लीजिंग पॉलिसी' बनाई गई है। इसी क्रम में यहां स्थापित उद्योगों के साथ मिलकर लोकल सप्लाई चेन को बढावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी कंपनियों और विदेशों से प्रभावशाली वार्तालाप के लिए हरियाणा सरकार ने विदेश सहयोग विभाग की स्थापना की है जो सहयोग के लिए फोन काल और मैसेज पर भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' का एक 'इको-सिस्टम' तैयार किया है। जिसके चलते हरियाणा ईज आफॅ डुईंग बिजनेस की टॉप अचीवर्य केटेगरी में अग्रणी स्थान बना चुका है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को अपने आटोमोबाइल सेक्टर पर गर्व है, जो भारत में सबसे अधिक यात्री कारों का निर्माण करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश आज अपनी निवेश व उद्योग हितैषी नीतियों की आधार पर आशाओं और अवसरों की धरा बन गया है। आज प्रदेश की गिनती देश के सम्पन्न राज्यों में होती है। देश की जी.डी.पी. में हरियाणा का योगदान 3.6 प्रतिशत है। वर्ष 2014 से पहले प्रदेश का निर्यात लगभग 70 हजार करोड़ रुपए तक था। जो अब बढ़कर 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपये को पार कर गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा उद्योगों को लॉजिस्टिक सुविधा देने में देश में दूसरे तथा उत्तर भारत में पहले स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कारोबारियों को लाल फीताशाही से मुक्ति दिलाने की दिशा में कार्य करते हुए उन पुराने कानूनों में बदलाव किया है, जो आज के समय में प्रासंगिक नहीं रह गये थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन विश्वास अध्यादेश, 2025 को गत 11 अक्तूबर को अधिसूचित किया है, ताकि 42 राज्य अधिनियमों में 164 प्रावधानों का अपराधीकरण समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा सरकार की नीतियों का ही प्रभाव है कि पिछले 11 वर्षों में प्रदेश में 12 लाख 20 हजार 872 सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग लगे हैं तथा इनमें 49 लाख 15 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा गीता की धरती हैं। यहां केवल बी-टू-बी अथवा जी-टू-जी मॉडल में काम नहीं करते बल्कि एच-टू-एच अर्थात हर्ट टू हर्ट मॉडल के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान बढ़ाने के लिए वर्ष 2047 तक एक ट्रिलियन डालर के लक्ष्य को रखकर चल रहा है। नए स्टार्ट अप्स, इनोवेशन और टेक बेस्ड इंडस्ट्री को हरियाणा प्रदेश टेस्ला जैसे बड़े ब्रांड के माध्यम से बढ़ावा दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा भारत में स्टार्टअप की संख्या में 7वें बड़े राज्य के रूप में उभरा है। वर्तमान में, हरियाणा में 9,100 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स हैं। इसी प्रकार प्रदेश में ए.आई. आधारित स्टार्टअप्स और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए गुरुग्राम और पंचकुला में ए.आई. हब स्थापित किया जा रहा है। साथ की भविष्य की तकनीकों जैसे कि ए.आई., रोबोटिक्स, बायो टेक्नोलॉजी व डीप-टेक को अपनाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अलग से 'एम.एस.एम.ई.' विभाग का गठन किया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमकर्ता ज्ञापन फाइल करने की ऑनलाइन सुविधा शुरू की है।



