सरपंच पद के चुनाव में देवरानी का ससुर बना रोड़ा, तो जेठानी देने चली जान

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दमोह
मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के बीच दमोह जिले से हैरान करने वाला वाकया सामने आया है. जिले की बटियागढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली चिरोला ग्राम पंचायत में जेठानी और देवरानी सरपंच पद के लिए आमने-सामने हैं. आरोप है कि चाचा सुसर ने जेठानी पर नाम वापस लेने का दबाव बनाया और जब ऐसा न हो सका तो बहू की प्रचार सामग्री कब्जे में ले ली. इसके चलते जेठानी ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. महिला को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. यहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई है.

गौरतलब है कि दमोह जिले की बटियागढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली चिरोला ग्राम पंचायत में देवरानी रश्मि और जेठानी चंदा सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं. शनिवार सुबह तक सब सामान्य था, लेकिन दोपहर होते-होते पूरे गांव में हड़कंप मच गया. जेठानी चंदा ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. उसे ऐसा करते देख परिजनों के होश उड़ गए. उन्होंने जैसे-तैसे महिला को फंदे से उतारा और एंबुलेंस बुलाकर आनन फानन में जिला अस्पताल ले गए. यहां डॉक्टरों ने उसकी हालत देखने के बाद उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया.

इस मामले पर जेठानी चंदा राठौर की मां का कहना है कि उनकी बेटी और उसके चाचा ससुर की बहू रश्मि ने सरपंच पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. इसके बाद परिवार चंदा पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाने लगा. इस दबाव के बीच उनकी बेटी टूट गई और नामांकन वापस लेने प्रशासनिक कार्यालय गई. कार्यालय में बहुत भीड़ थी इस वजह से वह नामांकन वापस नहीं ले सकी. इसके बाद चुनाव आयोग से उसे चुनाव चिन्ह मिल गया.

चंदा की मां ने बताया कि इसके बाद चंदा ने चुनाव की तैयारी की और अपने पोस्टर-पंपलेट छपवा लिए. इधर, जब वह इन्हें बांटने और जनता से वोट मांगने निकली तो उसके चाचा ससुर ने उसके पंपलेट अपने कब्जे में ले लिए. जब चंदा ने उनसे इन्हें लौटाने की अपील की तो उसे चुनाव प्रचार से रोका और दबाव बनाया. इससे महिला को गहरा आघात लगा और उसने घर आकर फांसी लगा ली. महिला को आनन-फानन में जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया. उसके बाद उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया है. यहां महिला की हालत नाजुक है.

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