सर्विस वोटों की संख्या ज्यादा तो आरओ की टेबल पर नहीं होगी गिनती

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भोपाल
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में डाले गए मतों की गणना से आधा घंटे पहले सभी मतगणना केन्द्रों पर सर्विस वोटों की गिनती शुरु की जाएगी। सर्विस वोटों की गणना पूरी होने के बाद ही ईवीएम के अंतिम तीन चक्रों गिनती शुरु हो सकेगी।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने सभी कलेक्टरों को नगर पालिका निर्वाचन नियमों के तहत निकाय चुनावों के सर्विस वोटों की गिनती के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए है।  जिन मतदान केन्द्रों पर सर्विस वोटों की संख्या ज्यादा होगी वहां रिटर्निंग आफिसर की टेबल पर नहीं बल्कि अलग कक्ष में ऐसे वोटों की गिनती की जाएगी।

सर्विस वोटों की संख्या के हिसाब से टेबल की संख्या इस प्रकार निर्धारित की जाएगी कि एक टेबल पर अधिकतम पांच सौ सर्विस वोट गणना हेतु रहेंगे। सर्विस वोटों की गणना के लिए निर्धारित प्रत्येक कक्ष में एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। ऐसी प्रत्येक सर्विस वोटों की गणना टेबल हेतु एक गणना पर्यवेक्षक और दो गणना सहायकों की नियुक्ति की जाएगी।

गणना हेतु लगाए गए अधिकारियों को निर्वाचन कर्त्तव्य मतों की गणना प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाएगा।सर्विस वोटों की गणना प्रारंभ होंने के आधे घंटे के बाद मतदान मशीन में डाले गए मतों की गणना प्रारंभ की जाएगी।

वार्डवार निर्धारित टेबल पर मतदान मशीनों की गणना अंतिम तीन चक्र को छोड़कर सर्विस वोटों की गणना के साथ-साथ की जा सकती है परंतु अंतिम तीन चक्रों की गणना  तभी प्रारंभ की जाएगी जब महापौर और सभी पार्षद पद की सर्विस वोटों की गणना पूर्ण कर उसकी घोषणा कर दी गई हो। जिन निकायों के वार्डो में तीन या तीन से कम मतदान केन्द्र है, वहां पर निर्वाचन कर्त्तव्य मतों की गणना की घोषणा उपरांत ही मतदान मशीनों के मतों की गणना प्रारंभ की जाएगी।

सर्विस वोटों की गणना की देखदेख उम्मीदवार स्वयं या उनके निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा की जा सकती है। पृथक से गणना अभिकर्ता की नियुक्ति की जाना है या नहीं इस विषय पर या इससे जुड़े विषय पर संशय होंने की स्थिति में स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा निर्णय जिला निर्वाचन अधिकारी से परामर्श से लिया जाएगा।

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