BJP की शहरी ताकत को दिग्विजय सिंह ने भी माना, औवैसी पर फूटा कांग्रेस की हार का गुस्सा

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भोपाल
 
मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर दम दिखाया है। रविवार को हुई काउंटिंग में पार्टी ने 11 में से 7 नगर निगम पर कब्जा जमा लिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी 3 शहरों में मेयर पद हासिल करने में कामयाब रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन जरूर किया है, लेकिन दावे के मुताबिक वह भाजपा को पछाड़ना तो दूर बराबरी की टक्कर भी नहीं दे पाई। चुनावी नतीजों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। एक तरफ उन्होंने शहरों में बीजेपी की 'शहरी ताकत' को स्वीकार किया तो दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी पर जमकर बरसे।

दिग्विजय सिंह ने सोमवार सुबह ट्विटर पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में आप और एआईएमआईएम का भी जिक्र किया। उन्होंने ओवैसी की पार्टी पर भाजपा की मदद का आरोप लगाया है। उन्होंने बुरहानपुर में कांग्रेस की हार का उदाहरण दिया, जहां ओवैसी की पार्टी को 11 हजार से अधिक वोट मिले हैं और बीजेपी मामूली अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रही। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने भाजपा की जीत पर कहा है कि शहरों में भाजपा का हमेशा प्रभाव रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ''नगरों में भाजपा का प्रभाव सदा रहा है। 11 में से 3 पर कांग्रेस जीती 7 पर भाजपा और 1 पर आप। जहां आप जीती वहां भाजपा तीसरे नंबर पर आई वहां भी कांग्रेस ही दूसरे नंबर पर रही।''

एमपी के पूर्व सीएम बुरहानपुर में कांग्रेस की हार को लेकर ओवैसी पर जमकर बरसे। उन्होंने लिखा, ''बुरहानपुर में AMIM 1100 से अधिक वोट ले गई। फायदा किस को हुआ? भाजपा को। कितने वोट से भाजपा जीती 338 वोट से! ओवैसी जी मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने वाले बयान दे कर क्या भाजपा को मदद नहीं करते? क्या ओवैसी हिंदुओं और मुसलमानों में बढ़ती हुई खाई और गहरा नहीं करते? ओवेसी और भाजपा मिल कर भारत की गंगा जमनी तहजीब को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए बर्बाद कर रहे हैं। मुस्लिम लीग और RSS का गठन अंग्रेजों की प्रेरणा से ही हुआ था। अंग्रेजों की 'फूट डालो राज करो' की रणनीति आज अपनाए हुए हैं।''

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा, ''क्या यह हमारे देश, राष्ट्र के लिए उचित है? क्या यही सच्चा राष्ट्रवाद है या 'ढोंगी राष्ट्रवाद' है? जरा राष्ट्रहित में सोचिए। हम सब एक हैं। सभी धर्म हमें 'इंसानियत' का ही रास्ता दिखाते हैं। मिलजुल कर रह कर ही हम भारत को 'विश्वगुरु' बना सकते हैं।''

 

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