पीएस रेवेन्यू से मुलाकात के बाद कार्यवाहक पदों पर प्रमोशन के लिए आश्वस्त हुए तहसीलदार

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भोपाल
प्रदेश के तहसीलदारों में कार्यवाहक पदोन्नति को लेकर बनी उहापोह की स्थिति प्रमुख सचिव राजस्व से मुलाकात के बाद खत्म हो गई है। प्रमुख सचिव ने आश्वस्त किया है कि विभागीय प्रक्रिया के आधार पर नायब तहसीलदारों के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। इसके बाद तहसीलदारों ने छह साल से पेंडिंग कार्यवाहक पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द पूरी कराने के लिए कहा है। अगस्त के पहले सप्ताह में तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनाने के आदेश हो सकते हैं।

दरअसल यह नाराजगी राजस्व विभाग द्वारा तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार का प्रभार दिए जाने संबंधी पत्र जारी होने के बाद बनी थी। विभाग के पत्र में यह तो लिखा था कि तहसीलादर डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षक नायब तहसीलदार बनेंगे लेकिन यह उल्लेख नहीं था कि तहसीलदारों के पद रिक्त होने पर नायब तहसीलदार उस पद पर कार्यवाहक तौर पर प्रमोट किए जाएंगे। इसके कारण यह स्थिति बन सकती है कि कुछ जिलों में कलेक्टर नायब तहसीलदारों को कार्यवाहक प्रभार की पात्रता होने के बाद भी प्रमोट कर कार्यवाहक तहसीलदार नहीं बनाते और ऐसे में नायब तहसीलदार की सुनवाई जिल स्तर पर नहीं हो पाती। इसीलिए तहसीलदारों के सोशल मीडिया ग्रुप पर इसका विरोध किया जा रहा था और इसको लेकर संघ का प्रतिनिधिमंडल राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से मिलने भी गया। बताया जाता है कि प्रमुख सचिव ने आश्वस्त किया है कि चूंकि तहसीलदार के बारे में जीएडी ने जानकारी मांगी थी। इसलिए जैसे ही तहसीलदार कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनेंगे, वैसे ही विभाग अपने पास मौजूद जानकारी के आधार पर नायब तहसीलदारों को तहसीलदार पद पर प्रमोट करेगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के लिए 436 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर के 236 से अधिक पद रिक्त हैं। नायब तहसीलदार के 1234 स्वीकृत पदों में वर्तमान समय में 751 नायब तहसीलदार हैं जबकि 483 नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं। वहीं 194 नायब पदोन्नत किए जाने हैं। तहसीलदार के 606 पद स्वीकृति हैं जबकि 265 वर्तमान समय में तहसीलदार कार्यरत हैं। ऐसे मे तहसीलदार के 341 पद रिक्त हैं।

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