मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान की उद्यमशीलता और जीवटता को किया नमन

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  • प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
  • मध्यप्रदेश-जापान की मित्रता का नया अध्याय शुरु करेगी यह यात्रा
  • मध्यप्रदेश से जापान को वर्ष 2023-24 में 92.8 मिलियन डॉलर का किया निर्यात
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान की उद्यमशीलता और जीवटता को किया नमन
  • जापान के उद्योग समूहों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए किया आमंत्रित
  • मुख्यमंत्री ने जापान में इंटरैक्टिव सेशन में उद्योगपतियों से किया संवाद

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व बन्धुत्व की भावना के साथ नई वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। जापान ऐतिहासिक रूप में गौतम बुद्ध की परंपरा से जुड़ा है और भारत गौतम बुद्ध की धरती है। भारत और जापान का सदियों से परस्पर संबंध रहा है। प्राचीनकाल से आधुनिक युग तक जापान का समृद्ध इतिहास रहा है। विनाशकारी भूकंपों और प्राकृतिक आपदाओं से उबरने में जापान द्वारा दिखाई गई उद्यमशीलता को नमन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस जीवटता से जापान ने विश्व में विशेष पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जापान स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित शो इंटरैक्टिव सेशन ऑन "इनवेस्टमेंट अर्पोचुनिटीज इन मध्यप्रदेश" के अवसर पर उद्योगपतियों से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि इस यात्रा से मध्यप्रदेश-जापान की मित्रता में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी।

जापान से जुड़े हैं मध्यप्रदेश के व्यावसायिक संबंध

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान अपनी विशिष्ट जीवन शैली और औद्योगिक शैली के आधार पर आर्थिक संपन्नता में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित करने वाला देश है। प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि जापान से मध्यप्रदेश के व्यावसायिक संबंध भी जुड़े हैं। वर्ष 2023-24 में मध्यप्रदेश से जापान को 92.8 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया, इनमें एल्युमिनियम से बनी वस्तुएं, कार्बनिक रसायन, परमाणु रिएक्टर्स, बॉयलर्स, यांत्रिक उपकरण, फार्मास्युटिकल उत्पाद सहित अन्य मशीनरी शामिल हैं। जापान में मैन्युफैक्चरिंग और अन्य क्षेत्रों से जुड़े उद्योग भी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान के उद्योग समूहों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज का व्यवसायिक घरानों से जोड़ने के लिये निभाई गई महती भूमिका के लिये आभार माना।

उद्योग अनुकूल नीतियों से देश-विदेश के उद्योग समूहों की रूचि मध्यप्रदेश में बढ़ी है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 9 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक दशक में तीन गुना बढ़ी है, अर्थव्यवस्था को अगले पाँच साल में दोगुना करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। पूंजीगत व्यय और शासकीय व्यय में पिछले एक साल में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो हमारे प्रदेश की प्रगति का द्योतक है। पिछले पाँच वर्ष में राज्य ने निर्यात की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023-24 में 65 हजार करोड़ का निर्यात किया गया। ऊर्जा, खनन, शिक्षा, एम.एस.एम.ई. सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में उद्योग अनुकूल नीतियां लागू की जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश में मध्यप्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बना है, साथ ही विश्व में उद्योग समूहों की रूचि भी मध्यप्रदेश में बढ़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए नीतियों के इतर जाकर भी यदि आवश्यकता होगी तो निवेशकों की सहूलियत के लिये सरकार नीतियों में परिवर्तन करेंगी।

सेक्टर केन्द्रित नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि फूड पार्क्स, आईटी पार्क्स, प्लास्टिक पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, सोलर इक्विपमेंट पार्क, फूट वियर पार्क, ईवी पार्क, टेक्सटाईल पार्क, गारमेंट पार्क, प्लग एंड प्ले जोन, सेमीकंडक्टर पार्क आदि क्षेत्रों में मध्यप्रदेश में समान रूप से संभावना बनी है। राज्य सरकार की गारमेंट, लॉजेस्टिक्स, ईवी, खाद्य प्रसंस्करण, इथेनॉल, आईटी, फार्मा, मेडिकल डिवाइसेस इत्यादि सेक्टर्स पर केन्द्रित विशेष नीतियाँ निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। मध्यप्रदेश फूड बॉस्केट कहलाता है, इससे कई सेक्टर जुड़े हैं, जिनसे संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सभी ओर से प्रोत्साहन मिल रहा है।

कौशल उन्नयन क्षेत्र में हैं बड़ी संभावनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24-25 फरवरी 2025 को प्रदेश की राजधानी भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ कर रहे हैं। इस समिट में सभी महत्वपूर्ण सेक्टर्स पर केन्द्रित सेमिनार होंगे और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा होगी। विशेष रूप से कौशल उन्नयन के क्षेत्र में प्रदेश में बड़ी संभावनाएँ विद्यमान हैं। बड़ी संख्या में युवा शक्ति के साथ ही प्रदेश में कई आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक जैसी संस्थाएं विद्यमान हैं। इस क्षेत्र में जापान और मध्यप्रदेश साथ मिलकर महत्वपूर्ण कार्य कर सकता है। प्रदेश में निजी क्षेत्र के 52 और 17 शासकीय विश्वविद्यालय सहित इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य संस्थाएं विद्यमान हैं। इन क्षेत्रों में सहयोग दोनों के लिए लंबे समय तक हितकारी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य की संभावनाओं के अनुरूप जापान और मध्यप्रदेश प्रगति के पथ पर विश्वस्त सहयोगी के रूप में अग्रसर होंगे।

जापान ने दुनिया को अपनी दृढ़ता और नवाचार की क्षमता दिखाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान का इतिहास प्रचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक विविध और समृद्ध रहा है। विनाशकारी भूकंपों और प्राकृतिक आपदाओं से उभरते हुए जापान ने दुनिया को अपनी दृढ़ता के साथ नवाचार की क्षमता भी दिखाई है। जापान आज टेक्नोलॉजी के साथ रोबोटिक्स और ऑटोमोबाइल निर्माण में अग्रणी है। भारत और जापान के बीच व्यवसायिक संबंध तब शुरू हुए जब पैनासोनिक ने वर्ष 1972 में अपने विनिर्माण संयंत्र स्थापित किये हैं। आज भारत और जापान एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी साझा करते हैं।

सम्भावनाओं को वास्तविकता में बदलती हमारी निवेश नीतियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम इस वर्ष 21 सेक्टर्स के लिए नयी निवेश नीतियां ला रहे हैं, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, निर्यात संवर्धन, एमएसएमई, स्टार्टअप, पंप हाइड्रोस्टोरेज, जैव ईंधन, ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर, AVGC-XR, सेमीकंडक्टर, ड्रोन, विमानन, मेडिकल कॉलेजों का पीपीपी मोड पर निर्माण और संचालन, पर्यटन आदि क्षेत्रों को विशिष्ट वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हमारी सरकार रोजगार सृजन को बेहद महत्व देती है। इसलिए, जो कंपनियां अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देंगी, उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निर्यात करने वाली कंपनियों को भी विशेष लाभ दिए जा रहे हैं। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि देश का निर्यात भी बढ़ेगा। हमारी सरकार हरित उद्योगों को भी बढ़ावा दे रही है।

निवेशकों के अनुकूल उपलब्ध है सुविधाएँ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए जो निवेशक आते हैं हम उनका पूरा ख्याल रखते हैं साथ ही उनकी सभी आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है। मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए स्पष्ट एवं लाभकारी नीतियां हैं सिंगल विंडो क्लीयरेंस, पारदर्शी त्वरित अनुमोदन एवं अनुकूल सुविधाएँ और वातावरण उपलब्ध है। बिजली, पानी, भूमि और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी मौजूद हैं। मध्यप्रदेश उद्योगों के विकास के लिए पूर्णत समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान के निवेश को और उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आने और यहां की अपार संभावना का लाभ उठाने के लिए मैं सभी को आमंत्रित करता हूं। अनंत संभावनाओं की भूमि मध्यप्रदेश में निवेश करें और अपने व्यवसाय को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के साथ मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्र के विकास में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि 24 और 25 फरवरी को भोपाल में इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। आप आईए हम आपको हर संभव सहायता और सहयोग प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान के उद्योगपतियों से उम्मीद जताई कि वे मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आगे आएंगे और राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाएंगे।

अपर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा ने प्रदेश में आईटी, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, खनिज के क्षेत्र में उपलब्ध निवेश संभावनाओं की जानकारी दी। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने सत्र में मध्यप्रदेश में निवेश अनुकूल नीतियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के लिये उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रारंभ में जापान के एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की कार्यकारी उपाध्यक्ष सुमयुमी मुरायामा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज, मिशन के उप प्रमुख आर मधु सूदन, आर्थिक और वाणिज्यिक मंत्री सुदेबजानी चक्रवर्ती, काउंसलर वाणिज्य करूण बंसल एवं आनंद नांगुर उपस्थित थे। जापान में सीआईआई के प्रतिनिधि विष्णु जाजू ने आभार माना।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से की टोक्यो गवर्नर सुयुरिको कोइके ने मुलाकात

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से जापान यात्रा के दौरान टोक्यो की गवर्नर सुयुरिको कोइके ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सुकोइके से मुलाकात को भविष्य में विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए उत्साहजनक बताया। डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जापान और भारत के बीच सहयोगात्मक अनुकूलता का वातावरण बना है। इससे मध्यप्रदेश के साथ जापान का रवैया सहयोगात्मक हुआ है और भविष्य में विकास की अनंत बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि गवर्नर सुकोइके से उद्योग, प्रोद्योगिकी, निवेश रोजगार और विद्यार्थियों के परस्पर अध्ययन व शोध के क्षेत्र में सहयोग जैसे विषयों पर आत्मीय वातावरण में चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि सुकोइके ने मई 2025 टोक्यो में प्रस्तावित स्टार्ट-अप कंपनियों के सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी गवर्नर सुकोइके को भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित किया।

जापान में टोयोटा के वरिष्ठ अधिकारियों से मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर की चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान दौरे के पहले दिन टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। उन्होंने तोशियूकी नाकाहारा महाप्रबंधक, प्रशासन एवं समर्थन विभाग, इंडिया और मिडिल ईस्ट डिवीजन और मासाहिरो नोगी परियोजना महाप्रबंधक, प्रशासन एवं समर्थन विभाग, इंडिया और मिडिल ईस्ट डिवीजन के साथ व्यापारिक संभावनाओं के निवेश के अवसरों पर गहन चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए एक आइडियल डेस्टिनेशन बताते हुए राज्य की प्रमुख विशेषताओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भारत के केंद्र में स्थित है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के लिए एक आदर्श केंद्र बिंदु बनता है। हमारे पास विशाल औद्योगिक भूमि बैंक, कुशल युवा कार्यबल और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा है। खासतौर पर पीथमपुर ऑटोमोबाइल क्लस्टर तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र है, जो वैश्विक निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं लेकर आया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य की शांतिपूर्ण और आपदा-रहित स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश, जापान की तरह ही शांति और स्थिरता के लिए प्रसिद्ध है। राज्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित है, जो इसे निवेश के लिए और भी अनुकूल बनाता है। यहां की सरल और परिश्रमी जनता, तकनीकी कौशल और व्यवसाय के लिए प्रतिबद्धता के साथ उद्योगों को उत्कृष्ट वातावरण प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टोयोटा को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया और विशेष रूप से तकनीकी नौकरियों में युवाओं के प्रशिक्षण और सशक्तिकरण के लिए संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, टोयोटा के लिए अपनी सुविधाएं स्थापित करने और व्यावसायिक विस्तार के लिए एक आदर्श स्थान है। हमारी उद्योग नीतियां निवेश प्रोत्साहन और भूमि उपलब्धता और वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में सहायक हैं। टोयोटा के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिवेश और निवेश-अनुकूल माहौल की सराहना की और राज्य के साथ साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह दौरा 'इन्वेस्ट इन मध्यप्रदेश' अभियान का प्रमुख हिस्सा है, जो फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित होने वाले 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025' के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है। यह बैठक भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग को सशक्त करने और मध्यप्रदेश को एक वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और सशक्त कदम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआईएस के लिये किया आंमत्रित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 24-25 फरवरी, 2025 को भोपाल में आयोजित होने वाली है। यह दो दिवसीय समिट मध्यप्रदेश के निवेश, जलवायु और औद्योगिक अवसंरचना के बेहतर प्रजेंटेशन के उद्देश्य से आयोजित की गई है। यह समिट निवेश में संभावित सहयोग के लिए कई अवसर प्रदान करेगा। यह मंच वैश्विक नेताओं, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के लिए एक अवसर होगा, जहां वे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और प्रवृत्तियों पर अपने विचार साझा करेंगे और मध्यप्रदेश के निवेश संभावनाओं को अधिकतम करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने “इंवेस्ट मध्यप्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025” में जापान के उद्योगपतियों को भागीदारी के लिये आंमत्रित किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के टोक्यो में एडोगावा सिटी स्थित गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत की चर्चा करते हुए कहा कि बापू के आदर्श आज भी पूरी दुनिया में लोगों को प्रेरित करते है। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को भारत-जापान संबंधों से जोड़ते हुए कहा कि बापू का अहिंसा का सिद्धांत जापान के गौतम बुद्ध के सिद्धांतों के साथ मेल खाता है। यह दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का उल्लेख करते हुए कहा, "नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रासबिहारी बोस, स्वामी विवेकानंद और रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे महान नेता जापान से जुड़ी हमारी ऐतिहासिक मित्रता का प्रतीक हैं।" मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में 24-25 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जापान आज प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी है। यह भारत और मध्यप्रदेश के लिए निवेश और व्यापार के नए अवसरों की संभावनाएं प्रस्तुत करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और जापान के बीच संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी और दोनों देशों के बीच साझेदारी के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं भी दीं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से की भारतीय राजदूत जॉर्ज ने मुलाकात

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से 28 जनवरी को जापान की राजधानी टोक्यो में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने मुलाकात की।  दोनों ने भारत-जापान के बीच मजबूत और ऐतिहासिक रिश्तों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और राजदूत जॉर्ज ने भविष्य में म.प्र.-जापान के इन रिश्तों को प्रगाढ़ किये जाने पर फोकस किया गया, ताकि मध्यप्रदेश और जापान के बीच व्यापार-अर्थव्यवस्था का गठबंधन और सशक्त हो।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार से जापान के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उनका दौरा 31 जनवरी शुक्रवार तक चलेगा। इस दौरान वे जापान के उद्योगपतियों-निवेशकों को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) में आने का निमंत्रण देंगे। वे सभी के साथ वन-टू-वन चर्चा करके निवेश के कई अवसरों की जानकारी देंगे। राजधानी भोपाल में 24-25 फरवरी को यह जीआईएस होगी। इस समिट में विश्व के कई देशों से निवेशक शामिल होंगे।

प्रवासी भारतीयों ने तिलक लगाकर किया अभिनंदन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार की सुबह ही जापान की राजधानी टोक्यो पहुँचे। यहां पहुँचने पर प्रवासी भारतीयों ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रवासी भारतीयों ने उन्हें तिलक लगाकर साफा बांधा, एनआरआई समुदाय ने उन्हें पारंपरिक तलवार भी भेंट की।

ट्रायबल प्रोडक्ट मार्केट का किया भ्रमण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने टोक्यो में ट्रायबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलेपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के ट्रायबल प्रोडक्ट मार्केट का अवलोकन किया। उन्होंने उत्पादों को देखा और शिल्पकारों से चर्चा कर शिल्पों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानना चाहा कि जापान में भारतीय शिल्प कला की कितनी अधिक ख्याति है और उनकी मार्केटिंग का कितना स्कोप है। उन्होंने शिल्पकारों द्वारा भारतीय शिल्प की विदेशों में विशिष्ट पहचान बनाने के लिये सराहना कर शुभकामनाएँ भी दी।

 

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