अमेरिका में ग्रीन कार्ड और H-1B वीजा के नियम सख्त, , हमेशा अपनी जेब में रखना होगा पहचान पत्र

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नई दिल्ली

अमेरिका जाना और वहां रहना अब दोनों ही मुश्किल हो चुका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन यानी अप्रवासन नीति में एक बड़ा बदलाव किया है। अब अमेरिका में रहने वाले सभी प्रवासियों को हमेशा अपनी जेब में पहचान पत्र साथ रखना होगा। ये नियम जिन लोगों के लिए अनिवार्य किया गया है, वो हैं कानूनी तौर पर रहने वाले, काम करने वाले और स्टूडेंट्स हैं। आइए-समझते हैं कि अमेरिका में अब प्रवासियों के लिए किस तरह की चुनौतियां बढ़ गई हैं। आइए-इसे समझते हैं।

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने यह फैसला लिया है। यह फैसला एक कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें ट्रंप के समय के एक नियम को फिर से लागू करने की बात कही गई थी। यह नियम कहता है कि जो लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें सरकार के पास अपना नाम दर्ज कराना होगा। अब यह नियम नए सिरे से लागू होने जा रहा है।

18 साल से ज्यादा उम्र के सभी गैर अमेरिकियों पर लागू
इस नए नियम के अनुसार, 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के हर गैर नागरिक को हर समय अपना पहचान पत्र साथ रखना होगा। DHS ने साफ कहा है कि इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा और इसका उल्लंघन करने पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। यह नियम 11 अप्रैल से लागू हो गया है। DHS ने यह भी कहा है कि वे इस नियम पर और ज्यादा ध्यान देंगे और इसे सख्ती से लागू करेंगे।

एलियन कानून क्या इस नियम के पीछे है
यह बदलाव 20 जनवरी को दस्तखत किए गए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 'प्रोटेक्टिंग द अमेरिकन पीपल अगेंस्ट इन्वेजन' के बाद हुआ है। इस ऑर्डर में DHS को एलियन रजिस्ट्रेशन एक्ट को लागू करने का निर्देश दिया गया है, जिसे लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा था।

जरूरी कागजात नहीं हैं तो क्या करना होगा
नए नियम मुख्य रूप से उन लोगों पर लागू होते हैं जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए जरूरी कागजात नहीं हैं। ऐसे सभी गैर-नागरिक जो 14 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं और 30 दिनों से ज्यादा समय से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें फॉर्म जी-325आर भरकर सरकार के पास अपना नाम दर्ज कराना होगा। इमिग्रेंट्स के बच्चों को भी 14 साल के होने के 30 दिनों के अंदर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अपने फिंगरप्रिंट देने होंगे।

पता बदलने पर नए पते की जानकारी देनी होगी
इसके अलावा, जो लोग 11 अप्रैल के बाद अमेरिका आ रहे हैं, उन्हें आने के 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अगर कोई अपना पता बदलता है, तो उसे 10 दिनों के अंदर DHS को नए पते की जानकारी देनी होगी। इस नियम का पालन न करने पर 5,000 डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है।

इन लोगों पर नहीं होगा ट्रंप का ये सख्त नियम
हालांकि, यह नियम उन लोगों पर लागू नहीं होता है जिनके पास पहले से ही वैलिड वीजा है। जैसे कि स्टूडेंट वीजा या वर्क वीजा पर रहने वाले लोग, या जिनके पास ग्रीन कार्ड , एम्प्लॉयमेंट डॉक्यूमेंटेशन या आई-94 एडमिशन रिकॉर्ड है। माना जाता है कि इन लोगों ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली है। उदाहरण के लिए, जो भारतीय नागरिक वैलिड वीजा या ग्रीन कार्ड के साथ अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें नए नियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्हें हर समय अपने पहचान पत्र साथ रखने होंगे और अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर उन्हें दिखाना होगा।

7 लाख भारतीय गैर कानूनी तौर पर अमेरिका में रह रहे
DHS के आंकड़ों के अनुसार, 2022 तक लगभग 2.2 लाख भारतीय गैरकानूनी रूप से अमेरिका में रह रहे थे। हालांकि, प्यू रिसर्च सेंटर जैसे अन्य संगठनों का अनुमान है कि यह संख्या 7 लाख तक हो सकती है, जबकि माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि यह आंकड़ा लगभग 3.75 लाख है।

अमेरिका में एक पायदान और बढ़ा निगरानी का स्तर
यह नया नियम अमेरिका में रहने वाले इमिग्रेंट समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास कानूनी तौर पर रहने की अनुमति नहीं है। इससे उनके लिए कागजात और निगरानी का एक और स्तर जुड़ जाएगा, जो पहले से ही एक जटिल प्रवासी व्यवस्था है। इस नीति से प्राइवेसी, नागरिक अधिकारों और देश भर में प्रवासी समुदायों पर व्यापक प्रभाव को लेकर बहस छिड़ सकती है।

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