बैडमिंटन जोड़ी का अंत: साइना-कश्यप ने अलग होने की खबर की पुष्टि की

मुंबई
भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने घोषणा की है कि वह अपने पति और बैडमिंटन खिलाड़ी परुपल्ली कश्यप से अलग हो गई हैं. साइना और कश्यप की शादी साल 2018 में हुई थी और सात साल बाद अब उनका रिश्ता समाप्त हो गया है. 7 साल बाद दोनों ने अपने रिश्ते को विराम दिया है. साइना और कश्यप की मुलाकात हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद की ट्रेनिंग अकादमी में हुई थी, जहां दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग ली थी.
साइना नेहवाल ने 2012 में लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और 2015 में वर्ल्ड बैडमिंटन रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचकर इतिहास रच दिया. वह विश्व की नंबर वन शटलर बनने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी थीं. स्पोर्ट्स में साइना भारत के लिए वर्ल्ड आइकन रहीं. वहीं पारुपल्ली कश्यप ने 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता और वर्ल्ड रैंकिंग में छठे पायदान तक पहुंचे. उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर लगातार अच्छे प्रदर्शन के साथ अपनी अलग पहचान बनाई.
साइना नेहवाल भारतीय महिला बैडमिंटन की पहली सुपरस्टार मानी जाती हैं. उन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक (ब्रॉन्ज) जीता था. वहीं, पारुपल्ली कश्यप ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. रविवार को इंस्टाग्राम पर साइना ने एक निजी अपडेट साझा किया जिसने खेल जगत को हैरान कर दिया है. राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की चैंपियन साइना ने लिखा, ‘‘जिंदगी हमें कभी-कभी अलग दिशाओं में ले जाती है. बहुत सोच-विचार के बाद कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है. हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, विकास और उपचार का विकल्प चुन रहे हैं. मैं इन यादों के लिए आभारी हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं. कृपया इस समय हमारी निजता का सम्मान करें. धन्यवाद.”
साइना नेहवाल ने रात अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में एक चौंकाने वाला बयान जारी किया. उन्होंने लिखा, 'जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाती है. बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है. हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और राहत चुन रहे हैं. मैं उन यादों के लिए आभारी हूं और आगे बढ़ने के साथ सिर्फ अच्छे की कामना करती हूं. इस दौरान हमारी निजता को समझने और उसका सम्मान करने के लिए धन्यवाद.' कश्यप ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है.
साइना ने भारत में बैडमिंटन को फिर से जिंदा किया
प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद के बाद भारत का कोई खिलाफ बैडमिंटन के खेल में वैश्चिक स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना सका. वह साइना नेहवाल ही थीं, जिन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में विमेन सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारत में इस खेल को नया जीवन दिया. चार साल बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर वह ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. इसके बाद भारत में बैडमिंटन खिलाड़ियों की नई पौध आनी शुरू हुई, जो इस खेल में विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
कश्यप ने भारतीय बैडमिंटन की खोई पहचान दिलाई
पारुपल्ली कश्यप ने 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर सुर्खियों में आए. वह 2012 के लंदन ओलंपिक में नीलुका करुणारत्ने को हराकर क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे और ऐसा करने वाले भारत के पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने. उन्होंने 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह 32 वर्षों में ऐसा करने वाले पहले पुरुष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे. साइना और पारुपल्ली की मुलाकात 1997 में एक कैम्प के दौरान हुई थी.
हैदराबाद की एकेडमी में दोनों के बीच बढ़ीं नजदीकियां
साल 2004 में जब गोपीचंद ने हैदराबाद में अपनी बैडमिंटन एकेडमी स्थापित की, तो दोनों उनके अंडर ट्रेनिंग लेने लगे और यहीं से उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं. हालांकि, 2018 में शादी उनकी शादी होने तक दोनों के रिलेशनशिप के बारे में दुनिया को भनक नहीं लगी थी. पारुपल्ली कश्यप ने ईएसपीएन को दिए एक इंटरव्यू में साइना के साथ अपने रिलेशनशिप को लेकर कहा था, 'यह स्कूल वाला रोमांस था, मासूम और अपने साथियों को यह बताने के बारे में कि आपकी एक प्रेमिका है.'