DF-5C मिसाइल का प्रदर्शन: अमेरिका को तीसरी टेंशन, भारत को क्यों रहना होगा अलर्ट

बीजिंग
दुनिया की दो आर्थिक महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच तनातनी और व्यापार प्रतिस्पर्धा से लेकर सामरिक प्रतिस्पर्धा तक की होड़ किसी से छिपी हुई नहीं है। दो दिन पहले चीनी शहर तियनाजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक-दूसरे का हाथ थामे और हंसते-मुस्कुराते सम्मेलन हॉल में प्रवेश किया तो इस तिकड़ी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत पूरी दुनिया को एक नया संदेश दिया था। यह संदेश ऐसे वक्त में आया, जब दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भारत पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाकर वैश्विक आलोचनाएं झेल रहा है।
अब चीन ने द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ को मौके पर आयोजित वि क्ट्री परेड में न केवल राजधानी बीजिंग में अमेरिका के कट्टर दुश्मनों को एक मंच पर लाने की कोशिश की बल्कि कुल 26 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इसमें शामिल कर ट्रंप को नई टेंशन दी है। इसी विक्ट्री परेड के जरिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका को तीसरी टेंशन भी दे दी। अमूमन अपने हथियारों का प्रदर्शन नहीं करने वाले चीनी सैनिकों ने इस बार न सिर्फ भव्य परेड किया बल्कि अपने अत्याधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया।
अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन
चीन ने बुधवार को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जेट लड़ाकू विमान, मिसाइल और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर सहित अपने कुछ आधुनिक हथियारों को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाया है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पहली बार हवाई-प्रक्षेपित परमाणु मिसाइल, जेएल-1, का एक सैन्य ट्रक पर प्रदर्शन किया है। यह मॉडल, मौजूद JL-3 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से काफ़ी छोटा है, जो पनडुब्बी से ही प्रक्षेपित हो सकता है।
सैन्य विश्लेषकों ने बताया है कि चीन ने इन दो मिसाइलों के अलावा DF-61 और DF-31 मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया है, जो चीनी सेना को जल,थल और नभ -तीनों जगहों से दुश्मनों के ठिकानों पर न्यूक्लियर हमला करने में सक्षम बनाता है और चीन को पूरी सुरक्षा कवच उपलब्ध कराता है। इसी परेड में चीनी सेना ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल DF-5C का भी प्रदर्शन किया है। इस मिसाइल के प्रदर्शन ने दुनिया को संदेश दिया है कि चीन की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता विश्वसनीय, भरोसेमंद और पर्याप्त है।
क्या है DF-5C मिसाइल सिस्टम?
यह डोंग फेंग-5 सीरीज का अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक न्यूक्लियर मिसाइल सिस्टम है। DF-5C लिक्विड-ईंधन से संचालित मिसाइल है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिसाइल की मारक क्षमता 20,000 किलोमीटर से ज्यादा है और यह टारगेट पर निशाना साधने के मामले में सर्वश्रेष्ठ है। इसका सीधा सा मतलब है कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया में कहीं भी यह मिसाइल सर्वनाश कर सकता है।
एक ही समय में 10 अलग-अलग ठिकानों पर निशाना
DF-5C कथित तौर पर 10 स्वतंत्र ठिकानों पर एक साथ हमले कर सकता है। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि एक ही मिसाइल एक ही समय में 10 अलग-अलग स्थानों को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल दुश्मन के सैन्य ठिकानों और अन्य अहम ठिकानों को एक बार में ही निशाना बना सकती है, और हमलों के क्रम को एडजस्ट कर सकता है। यह दुनिया के किसी भी हिस्से में परमाणु बम गिरा सकता है लेकिन इसे कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इंटरस्पेट नहीं कर सकता है।
भारत की भी बढ़ी चिंता
इसका ट्रांसपोर्टेशन तीन अलग-अलग सेक्शन में होता है। इस वजह से इसकी तैनाती गुप्त हो जाकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि DF-5C की सबसे बड़ी ताकत इसकी स्पीड है। यह आवाज से भी कई गुणा तेज गति से चल सकती है, इसकी वजह से दुनिया का कोई भी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे इंटरसेप्ट कर पाने में नाकाम रह सकता है। चीन के अत्याधुनिक हथियारों के प्रदर्शन ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है क्योंकि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन एक साझेदार देश के अलावा एक बड़ी चुनौती भी रहा है।