‘चुटकी में शांति ला दूंगा’ – अफगान-पाक युद्ध पर ट्रंप का बयान, कहा- संघर्ष नहीं समाधान में यकीन है

वाशिंगटन
दुनिया में जब भी कहीं बम फटता है, बंदूक चलती है या सीमा पर तनाव बढ़ता है तो एक शख्स सामने आ ही जाता है और वो है डोनाल्ड ट्रंप. जिनका बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन जाता है. इस बार उन्होंने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष पर अपनी राय रखी और कहा कि अगर वो चाहें तो इसे “आसानी से सुलझा सकते हैं.” अब भले ये बयान आत्मविश्वास से भरा हो या अति-आत्मविश्वास से, लेकिन ट्रंप का अंदाज हमेशा की तरह इस बार भी सुर्खियों में आ गया है.
ट्रंप का बयान जिसने हलचल मचा दी
पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि यह लगभग आखिरी मामला है, हालांकि मैं समझता हूं कि पाकिस्तान ने हमला किया है या अफगानिस्तान पर हमला हो रहा है. अगर मुझे इसे सुलझाना है तो यह मेरे लिए आसान है. इस बीच, मुझे अमेरिका चलाना है, लेकिन मुझे युद्ध सुलझाना पसंद है. यानि ट्रंप के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान जैसे दशकों पुराने विवाद को सुलझाना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें जान-माल की हानि रोकने में गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा- जानते हो क्यों? मुझे लोगों को मारे जाने से रोकना पसंद है. मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है, और मुझे लगता है कि हमें इस युद्ध में सफलता मिलेगी.”
उनका यह बयान ऐसे समय आया जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के युद्धविराम (Ceasefire) को बढ़ाने पर सहमति बनी है. यह निर्णय दोहा में हुई बातचीत के बाद लिया गया, जहां सऊदी अरब और कतर ने मध्यस्थता का समर्थन किया.
पाकिस्तानी हमले में मारे गए तीन अफगान खिलाड़ी
लेकिन इसी बीच मामला फिर से गर्मा गया. खबर आई कि पाकिस्तान के फिर से हवाई हमलों में तीन अफगान क्रिकेटर मारे गए हैं. जिससे कि सीमा पर गोलियों की गूंज के बीच खेल जगत को झकझोर दिया. अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने बताया कि तीन क्रिकेटर मारे गए हैं. यह हमला पूर्वी पक्तिका प्रांत में हुआ. बोर्ड ने कहा कि खिलाड़ी उरगुन से शाराना गए थे, जहां वे एक मित्रता-पूर्ण मैच में हिस्सा लेने वाले थे. उरगुन लौटते वक्त, एक सभा के दौरान उन्हें निशाना बनाया गया. जिसे बोर्ड ने “पाकिस्तानी शासन द्वारा किया गया कायराना हमला” बताया. मारे गए खिलाड़ियों की पहचान कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून के रूप में हुई. इसी हमले में पांच अन्य लोग भी मारे गए. इसके बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पीड़ितों के सम्मान में अगले महीने होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला (Tri-series) जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल थे. इस हमला के बाद अफगानिस्तान ने नाम वापस ले लिया.
रॉयटर्स का खुलासा- युद्धविराम के बावजूद हवाई हमले जारी
दुनिया के कई हिस्सों में शांति सिर्फ कागज पर होती है जमीन पर नहीं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने युद्धविराम के बावजूद बरमल और उरगुन जिलों में हवाई हमले किए. इससे पहले अफ़ग़ान सीमा के पास एक आत्मघाती हमले में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 13 घायल हुए. पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक सैन्य शिविर पर हमला किया. एक हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को चारदीवारी से टकरा दिया और दो अन्य हमलावरों को गोली मार दी गई. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि हमले में छह आतंकवादी मारे गए.
तालिबान ने दी चेतावनी
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पश्तो भाषा के चैनल एरियाना न्यूज से कहा कि काबुल ने अपने बलों को आदेश दिया है कि जब तक पाकिस्तान किसी भी हमले से बचता है, तब तक अफगान बल युद्धविराम बनाए रखें. यानी यह एक शर्तिया शांति है अगर एक गोली चली, तो सबकुछ फिर से भड़क सकता है. कभी सहयोगी रहे इस्लामाबाद और काबुल अब कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं. 2021 में अमेरिकी सेनाओं के अफगानिस्तान से निकलने के बाद तालिबान सत्ता में लौटा था, लेकिन पाकिस्तान के लिए वही ‘मित्र’ अब बोझ बन गया है.
वर्तमान संकट की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान ने काबुल से मांग की कि वो उन आतंकियों को रोके जो पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं और जिनके ठिकाने अफगीनिस्तान में हैं. लेकिन तालिबान सरकार ने इस आरोप को नकार दिया. नतीजा यह हुआ कि सीमा पर गोलीबारी, हवाई हमले, आत्मघाती धमाके और अब निर्दोष खिलाड़ियों की मौत.