अखिलेश पर बरसे योगी: कहा, जिन्हें राम मंदिर और देवी-देवताओं से चिढ़ है, वो दिवाली भी नहीं चाहते मनाना

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लखनऊ 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह के तहत गोरखपुर के बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में मंगलवार को आयोजित कुटुम्ब स्नेह मिलन और दीपोत्सव के राष्ट्रोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस व सपा पर जमकर हमला किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के अयोध्या में दीवाली को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा कि अखिलेश यादव के बयान से साफ हो गया है कि उनको अयोध्या में प्रभु राम के भव्य मंदिर और देवी-देवताओं से ही नहीं, दिवाली से भी नफरत है।

मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि गद्दी विरासत में मिल सकती है पर बुद्धि नहीं। बिना विवेक वाले लोग ही दीवाली का विरोध कर सकते हैं। बबुआ ने प्रजापति समाज के लोगों का अपमान किया है। उन्हें नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए हैं। मिट्टी के उत्पाद आर्थिक निर्भरता व स्वावलंबन का प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा के लोग अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर का विरोध करते हैं। ये लोग कंस और दुर्योधन की प्रतिमा लगाने चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 6 करोड़ लोगों ने अयोध्या में प्रभु राम का दर्शन किया। प्रयागराज में महाकुंभ के 66 करोड़ से अधिक लोग साझी बने। लेकिन सपा और कांग्रेस के लोग इसमें शुरुआत से ही खोट निकाल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कोर्ट में कहा था कि भगवान राम और कृष्ण मिथक हैं। सपा ने निर्ममता के साथ राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में मंदिर को लेकर कांग्रेस और सपा के लोग सवाल करते थे तो संघ का स्वयंसेवक कहता था कि राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे। संघ और रामभक्तों का संकल्प ही है कि अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर दिव्य और भव्य रूप में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक ने सरकार की प्रताड़ना से उफ तक नहीं किया। वह विचलित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर एक संदेश है कि प्रयास जारी रखिए सफलता जरूर मिलेगी।

हलाल उत्पाद खरीदने से बचें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश और फ्रांस के उपनिवेश के खिलाफ ही लड़ाई नहीं लड़ी, राजनीतिक इस्लाम को लेकर भी मोर्चा लिया था। अब भी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के रूप में राजनीतिक इस्लाम को बढ़ाने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हलाल उत्पाद पर प्रदेश में रोक लगाई गई है। हलाल उत्पाद खरीद से मिलने वाले रुपये से ही धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने पर जोर दिया। इसके पूर्व प्रांत प्रचारक रमेश ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन, भारत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई फर्क नहीं है। तीनों एक ही हैं। यह दुनिया का पहला संगठन है जो स्वावलंबी है। इस दौरान गोरक्षप्रांत के संघ प्रमुख डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने भी लोगों को संबोधित किया।

जीवन के विभिन्न अंग में काम कर रहा संघ
मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ ने जीवन के विभिन्न अंग में काम किया। जहां सरकार नहीं पहुंच सकी वहां संघ ने काम किया। पूर्वोत्तर राज्यों में संघ को अपने स्वयंसेवकों को खोना पड़ा। लेकिन वह अपने मिशन पर लगे रहे। अस्सी के दशक में गोरखपुर वनवासी आश्रम की स्थापना की। पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले बच्चे पढ़कर निकले को मुख्यधारा से जुड़े। उन्होंने कहा कि संघ की यात्रा दूरदर्शी है। इसका दूरगामी परिणाम मिला है। नक्सलवाद को लेकर संघ का काम अच्छा है। शिक्षा के क्षेत्र में संघ ने सनातन के साथ पीढ़ी को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक को देश का नेतृत्व मिला तो दुनिया उसके पराक्रम और दूरदर्शी सोच को देख रही है।

 

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