MBBS एडमिशन में गिरा स्तर? 118 स्कोर वाले को सीट, कटऑफ पर उठी गंभीर चिंताएँ

मुंबई
महाराष्ट्र स्टेट कोटा मेडिकल काउंसलिंग में इस बार एमबीबीएस दाखिले की कटऑफ में आई जबरदस्त गिरावट ने सबको चौंका दिया है। स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल की ओर से जारी स्ट्रे वैकेंसी राउंड की कटऑफ में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के दाखिले के लिए 504 न्यूनतम क्वालिफाइंग स्कोर है, जो पिछले वर्ष की कटऑफ 629 (स्ट्रे वैकेंसी राउंड के अंत में) की तुलना में एक बड़ी गिरावट है। इतना ही नहीं इस बार मेरिटोरियस स्टेट कोटे (इंस्टीट्यूशनल कोटा राउंड) के तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एक ऐसे छात्र ने दाखिला लिया है जिसका नीट यूजी में स्कोर 720 में से सिर्फ 118 अंक है।
118 तक कटऑफ का गिर जाना साल-दर-साल सबसे बड़ी गिरावट में से एक है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह भी है कि महाराष्ट्र में मेडिकल एडमिशन बंद होने के बाद भी 400 के करीब नीट स्कोर वाले सैकड़ों स्टूडेंट बिना सीट के रह गए। महाराष्ट्र सीईट सेल 64 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 8535 सीटों के लिए एडमिशन ले रहा है, जिसमें सरकारी संस्थानों में 4936 और प्राइवेट संस्थानों में 3599 सीटें शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सीईटी फाइनल एडमिशन चार्ट के विश्लेषण से पता चला कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों ने ओपन कैटेगरी में लगभग ऑल इंडिया रैंक 48000 पर एडमिशन बंद कर दिए, जिसमें स्कोर 504 था। ओबीसी उम्मीदवार मुश्किल से 1 नंबर पीछे (503) पर रहे। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एससी कटऑफ 419, एसटी कटऑफ 326 और प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में 150- 176 रही। वहीं कटऑफ टेबल में इंस्टीट्यूशनल कोटा रैंक 13 लाख, स्कोर 114 पर चली गई है। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों में यह गिरावट देखी गई है।
अभिभावकों की प्रतिनिधि सुधा शेनॉय ने कहा, ‘प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 85 फीसदी स्टेट कोटा के तहत मेडिकल दाखिला 118 अंक पर बंद होना दाखिला प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हमारे पास 400 से ज्यादा स्कोर वाले स्टूडेंट्स हैं जिन्हें सीट नहीं मिल पाई। इसकी पूरी जांच की जरूरत है।’



