इंदौर के चौराहों के बोर्ड विवाद में नगर निगम अधिकारियों पर पड़ेगा प्रभाव

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 इंदौर
 चंदन नगर में रातोरात चौराहों के नाम बदलकर बोर्ड लगाने के मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त शिवम वर्मा को सौंप दी है। रिपोर्ट में सहायक इंजीनियर वैभव देवलासे और सब इंजीनियर राम गुप्ता की गलती सामने आई है। निगमायुक्त सोमवार को रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे सकते हैं।

चंदन नगर क्षेत्र में पिछले दिनों कई सड़कों के नाम बदलते हुए बोर्ड लगा दिए गए थे। चंदूवाला रोड को गौसिया रोड, मिश्रावाला रोड को ख्वाजा रोड और लोहा गेट रोड को रजा गेट नाम दे दिया गया था। सोशल मीडिया पर इन बोर्ड की तस्वीर वायरल होने के बाद पूरे शहर में बवाल मचा था। शिकायत महापौर पुष्यमित्र भार्गव तक पहुंची जिसके बाद निगम ने कार्रवाई करते हुए बोर्ड हटा दिए थे।

इस मामले में जांच के लिए निगमायुक्त ने अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में प्रथमदृष्टत: सहायक इंजीनियरों को इस गड़बड़ी के लिए दोषी माना गया है।

रिपोर्ट में कहा है कि सहायक इंजीनियर देवलासे ने बोर्ड पर नाम गलत होने के बावजूद ठेकेदार द्वारा दी गई डिजाइन को जस का तस स्वीकार कर लिया। उन्हें बोर्ड पर नाम गलत होने की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

इसी तरह गलत नाम वाले बोर्ड की डिजाइन सब इंजीनियर गुप्ता ने देखी, उन्होंने ही इस डिजाइन को अप्रूव किया था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि ठेकेदार कंपनी ने अधिकारियों को नामों की जानकारी दिए बगैर डिजाइन बनाई और सोशल मीडिया पर ही इसकी मंजूरी लेकर बोर्ड तैयार कर लगवा दिए।
हमने रिपोर्ट दे दी है

    जांच समिति ने मामले की जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई होनी है, वह निगमायुक्त ही तय करेंगे। – अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त इंदौर नगर निगम

 

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