टैरिफ वार के बीच जेसन मिलर की अहम भूमिका: ट्रंप से मुलाकात और मोदी सरकार को फायदा

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वाशिंगटन
भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच जानी-मानी राजनीतिक लॉबिस्ट और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी जेसन मिलर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की है। मिलर वही लॉबिस्ट हैं जिन्हें कुछ महीने पहले भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन तक अपनी कूटनीतिक पहुंच मजबूत करने के लिए नियुक्त किया था। जेसन मिलर ने एक्स पर राष्ट्रपति ट्रंप संग अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “वॉशिंगटन में शानदार सप्ताह बिताया। सबसे खास रहा हमारे राष्ट्रपति को ऐक्शन में देखने का मौका।”

सार्वजनिक खुलासों के अनुसार मिलर भारतीय हितों की वकालत करने वाले रजिस्टर्ड विदेशी एजेंट हैं। भारत सरकार ने अप्रैल 2024 में उनकी लॉबिंग फर्म एसएचडब्ल्यू पार्टनर्स एलएलसी को नियुक्त किया था। इस अनुबंध के तहत भारत हर महीने फर्म को 1.5 लाख डॉलर करीब 1.25 करोड़ रुपये फीस देती है। एक साल का यह अनुबंध 1.8 मिलियन डॉलर करीब 15 करोड़ रुपये का है। फर्म को अमेरिकी सरकार, कांग्रेस, थिंक टैंक और अन्य संस्थानों के साथ भारत से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक सलाह और सरकारी संपर्क बढ़ाने का काम सौंपा गया है।
ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगी

जेसन मिलर ट्रंप के पुराने राजनीतिक सहयोगी हैं और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में उनके मुख्य मीडिया प्रवक्ता के तौर पर सुर्खियों में आए थे। उन्हें वाइट हाउस का कम्युनिकेशंस डायरेक्टर बनना था, लेकिन निजी विवादों के चलते पद संभालने से पहले ही रेस से हटना पड़ा। उन पर ट्रंप कैंपेन की एक अन्य अधिकारी से संबंध और यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे। विवादों के बावजूद वे ट्रंप के करीबी बने रहे और 2020 व 2024 के चुनावों में भी अहम सलाहकार की भूमिका निभाई।

मुलाकात का आधिकारिक एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन यह बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में फिर से खींचतान बढ़ी है। दोनों देशों के बीच टैरिफ व आर्थिक रणनीतियों पर चर्चा हो रही है।

 

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