गाजा में भयंकर अकाल, अंतरराष्ट्रीय और इजरायली संस्थाओं ने उठाया सवाल

गाजा
गाजा में इजरायली हमलों में अब तक 64 हजार लोगों की जान गई है। वहीं भुखमरी से मरने वालों को कोई आंकड़ा ही सामने नहीं आया है। अंतरराष्ट्रीय संगठन गाजा में अकाल को लेकर बेहद चिंतित हैं। यूएन की एजेंसी का भी कहना है कि अगर इजरायल चाहे तो गाजा अकाल से बच सकता है। ग्लोबल हंगर मॉनीटर के मुताबिक हजारों फिलिस्तीनी अब भी भुखमरी का शिकार हैं। वहीं गाजा सिटी में इजरायली हमला तेज होने के बाद यहां स्थिति काफी खराब हो गई है।
इजरायल ने मार्च से मई तक 11 महीने के लिए गाजा में मानवीय सहायता पर भी रोक लगा दी थी। वहीं अब इजरायल का दावा है कि वह आम लोगों तक राशन पहुंचा रहा है। वहीं यूएन की एजेंसी के मुताबिक यह सहायता पर्याप्त नहीं है। यूएन ऐड के चीफ टॉम फ्लेचर ने कहा कि समय तेजी से गुजर रहा है। अगर गाजा को अकाल से बचाना है तो इसके लिए बहुत कम समय बचा है।
इजरायल की रक्षा एजेंसी COGAT कहना है कि पिछले सप्ताह गाजा में 1900 ट्रंक भेजे गए हैं। धीरे-धीरे सप्लाई बढ़ाई जा रही है। एजेंसी ने कहा, यह सहायता केवल आम लोगों के लिए है ना कि हमास के लिए। इजरायल का कहना है कि गाजा सिटी की बहुमंजिला इमारतों पर हमास का कब्जा है इसलिए आम लोग इसे खाली कर दें। बीते दिनों इजरायल ने गाजा सिटी की कई हाई राइज को निशाना बनाया है। इन हमलों में कम से कम 14 लोग मारे गए।
गाजा के लोगों का कहना है कि गाजा सिटी राफाह बन जाए, इससे पहले हमास को इजरायल के साथ बात करके युद्ध खत्म करना चाहिए। इजरायल में भी आम जनता गाजा के इस युद्ध का समर्थन नहीं करती है। शनिवार को भी हजारों लोगों ने युद्ध खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। माना जा रहा है कि गाजा में अब भी 48 इजरायली बंधक जिंदा हैं।
इजरायली सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को लताड़ा
इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को कहा कि सरकार फलस्तीनी कैदियों को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध नहीं करा रही। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कैदियों को पर्याप्त भोजन मुहैया कराएं। यह लगभग ढाई साल में ऐसा दुर्लभ मामला है, जिसमें उच्चतम न्यायालय ने सरकार के खिलाफ कोई फैसला सुनाया है। युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल ने गाजा में हमास से जुड़े होने के संदेह में हजारों लोगों को कैद किया है। हजारों लोगों को महीनों हिरासत में रखने के बाद छोड़ा भी गया है।
अधिकार समूहों ने जेलों और हिरासत केंद्रों में कैदियों के साथ बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार होने की जानकारी दी है, जिनमें पर्याप्त मात्रा में भोजन व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध न कराना और अस्वच्छता जैसी समस्याएं शामिल हैं। मार्च में इजराइली जेल में 17 वर्षीय फलस्तीनी लड़के की मौत हो गई थी, जिसके बाद चिकित्सकों ने कहा था कि मौत का मुख्य कारण भूख हो सकती है।