PM आवास के पास कड़ी सुरक्षा, नेपाल में 20 की मौत और 100 घायल; इस्तीफे की उठी मांग

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 काठमांडू 

पड़ोसी मुल्क नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाए जाने को लेकर युवक सड़कों पर उतर आए. काठमांडू समेत कई शहरों में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई है. हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया और सेना की तैनाती की गई है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार बैन हटाए और पारदर्शिता लाए.

काठमांडू में तो प्रदर्शन हिंसक हो गया और युवाओं ने संसद भवन में घुस कर जमकर तोड़फोड़ औेर आगजनी की. पुलिस ने फिर आंसू गैस, पानी की बौछार और यहां तक की रबर बुलेट का इस्तेमाल किया.हालात पर काबू पाने के लिए नेपाल की सरकार ने काठमांडू, पोखरा समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया और सड़कों पर सेना की तैनाती कर दी है. 

इस प्रदर्शन के दौरान कई लोगों की मौत भी हुई है और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास पर सुरक्षा बढ़ाई गई

नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार को लेकर ओली सरकार के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया है. अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. युवा प्रदर्शनकारी पीएम ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

 काठमांडू में कर्फ्यू का दायरा बढ़ाया गया

काठमांडू में कर्फ्यू का दायरा बढ़ाया गया है. अब पाबंदियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवासों के साथ-साथ सिंहदरबार क्षेत्र तक लागू होंगी.

शुरुआत में कर्फ्यू केवल बनेश्वर के कुछ हिस्सों में लगाया गया था, जब प्रदर्शनकारी प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुस आए थे. लेकिन स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इसे बढ़ाकर राष्ट्रपति भवन (शीतल निवास क्षेत्र), महाराजगंज, उपराष्ट्रपति का निवास (लैनचौर), सिंहदरबार के चारों ओर, प्रधानमंत्री का निवास (बालुवाटार) और आसपास के इलाकों तक कर दिया है.
 
 मरने वालों का आंकड़ा 20 पहुंचा, 25 की हालत नाज़ुक

नेपाल में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में मौत का आंकड़ा 20 पहुंच गया है. इनमें से 18 की मौत काठमांडू और दो की इटाहारी में हुई. संसद भवन के पास अभी माहौल तनावपूर्ण है. 

दूसरी ओर 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. इनमें से 25 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है. 

 काठमांडू में प्रदर्शन के दौरान घायल लोगों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश

 रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के सचिव प्रदीप पौडेल ने निर्देश दिया है कि राजधानी काठमांडू में प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाए. 
तीन और शहरों में लगा कर्फ्यू

युवाओं के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए सरकार कर्फ्यू का दायरा लगातार बढ़ाते जा रही है. रुपन्देही, बुटवल और भैरहवा में अब कर्फ्यू लगा दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए नेपाल की सेना की ओर से सड़कों पर सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई है. भैरहवा भारत से लगने वाली सीमा पर ही स्थित शहर है.

नेपाल मानवाधिकार आयोग ने युवा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई की निंदा की

नेपाल मानवाधिकार आयोग ने युवा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई की निंदा की है. आयोग ने कहा कि पुलिस और सरकार प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए अत्याधिक बल का प्रयोग किया. कभी आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, कभी बैटन तो कभी पानी की तोप का इस्तेमाल किया गया.

 नेपाल के पत्रकार ने प्रदर्शन के स्तर बढ़ने के बीच बताई तीन मुख्य वजह

आजतक से नेपाल के पत्रकार साबिन धामला ने युवाओं के प्रदर्शन से बातचीत की है. उन्होंने कहा- काठमांडू के अलावा अन्य शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं और स्थिती और बिगड़ते जा रही है. Gen-Z के आंदोलन को सरकार ने पहले कम आंका गया. सरकार सोच रही थी कि इस प्रदर्शन का कोई लीडर नहीं तो ये लोग क्या ही कर लेंगे. नाखुश-नाराज और जो बेचैन युवा थे, उसको ये सोशल मीडिया पर पाबंदी ट्रिगर कर गई. ये बड़े कारण हैं जो प्रदर्शन को और व्यापक कर दिया. 

नेपाल में हो रहे इन प्रदर्शनों के पीछे वजह मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध है. नेपाल की सड़कों पर हजारों की संख्या में युवाओं की भीड़ देखी जा रही है. ये लोग भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगे बैन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आपको बता दें कि नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर पाबंदी लगा दी गई है, जिससे युवा काफी नाराज हैं.

 बुटवल, भैरहवा और ईटहरी में सख्‍ती

नेपाल में Gen Z प्रोटेस्ट के तेज होते ही प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. बुटवल, भैरहवा और ईटहरी में धारा 144 जैसी पाबंदियाँ लागू कर दी गईं, जिसके तहत किसी भी तरह की सभा, रैली या धरना-प्रदर्शन पर रोक रहेगी. रूपनदेही और सुनसरी ज‍िला प्रशासन ने ऐलान किया कि हालात को काबू में रखने और शांति बहाल करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

 नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के घर पथराव

नेपाल के झापा ज‍िले के दमक में हालात गरमा गए जब लोगों ने पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के घर पर पत्थर बरसा दिए. गुस्से में आए प्रदर्शनकारियों ने ईस्ट-वेस्ट हाइवे पर टायर जलाकर रोड जाम कर दिया, जिससे गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं. माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की. फिलहाल इलाके में भारी सुरक्षा तैनात है. लोगों का कहना है कि यह विरोध स्थानीय मुद्दों और ओली के कामकाज को लेकर बढ़ती नाराज़गी की वजह से भड़का. पुलिस का दावा है कि अब स्थिति काबू में है, लेकिन नजर लगातार रखी जा रही है.

नेपाल में सेना ने संभाला सड़कों पर मोर्चा

नेपाल में प्रदर्शन हिंसक होने के बाद सड़कों पर सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस की फायरिंग के बाद चीज़ें बिगड़ गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उन पर गोलियां चला रही है.

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