13 साल बाद Hike का सफर खत्म, जानिए उस देसी चैट ऐप के बंद होने की असली वजह

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नई दिल्ली

भारत के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक व्हाट्सएप है. भारत के बहुत सारे यूज़र्स के दिमाग में ऐसा सवाल आता है कि क्या व्हाट्सएप को कोई दूसरा मैसेजिंग ऐप टक्कर दे सकता है. टेलीग्राम से लेकर सिंग्नल तक बहुत सारे ऐप्स मार्केट में आए लेकिन व्हाट्सएप का जलवा बरकरार है. हालांकि, एक ऐसा मैसेजिंग ऐप था, जो व्हाट्सएप को टक्कर देने के लिए और लोगों को एक नया और व्हाट्सएप से बेहतर विकल्प देने के लिए बनाया गया था. इस ऐप का नाम हाइक (Hike) है.

यह एक इंडियन मैसेजिंग ऐप ही है, जिसने अमेरिकन मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप को कड़ी चुनौती दी थी, लेकिन अब यह ऐप बंद हो गया है. इसके फाउंडर कविन भारती मित्तल ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि वो अब इस ऐप को बंद कर रहे हैं. आइए हम आपको इस पूरी ख़बर के बारे में बताते हैं.

इस ऐप ने अपने सफर की शुरुआत एक इंटरेस्टिंग मैसेजिंग ऐप के रूप में की थी, लेकिन उसके बाद इसने गेमिंग इंडस्ट्री में कदम रखा था. अब हाल ही में भारत सरकार के नए कानून की वजह से हाइक का सफर खत्म हो गया.

2012 में हुई थी शुरुआत

2012 में लॉन्च हुआ Hike Messenger युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ था. लेकिन 2021 में मैसेजिंग ऐप को बंद कर कंपनी ने Rush नाम से रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया, जिसमें कैरम और लूडो जैसे गेम्स में कैश प्राइज़ दिए जाते थे. चार साल में Rush ने 10 मिलियन यूज़र्स और $500 मिलियन से ज़्यादा का ग्रॉस रेवेन्यू हासिल किया.

Mittal ने हाल ही में एक पोस्ट में लिखा कि अमेरिका में शुरू किया गया नया बिज़नेस अच्छा चल रहा था, लेकिन उसे ग्लोबली स्केल करना “समय और पूंजी का सही उपयोग नहीं” होगा. उन्होंने साफ कहा—अब ये चढ़ाई उनके लिए, उनकी टीम और निवेशकों के लिए सही नहीं है.

Hike को कभी SoftBank, Tiger Global और Tencent जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन मिला था. 2016 में इसकी वैल्यू $1.4 बिलियन तक पहुंच गई थी. 2025 में लागू हुए नए ऑनलाइन गेमिंग कानून ने नकद इनाम वाले गेम्स की दुनिया को झटका दिया. भारत सरकार के इस नए कानून का भारत की कई कंपनियों पर असर पड़ा और दुकानें बंद हो गई.

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