5932 करोड़ रुपये किसानों के खाते में: हरियाणा में धान खरीद का ताबड़तोड़ अभियान

Spread the love

चंडीगढ़ 
हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 22 सितंबर से चालू है। इस बीच खरीद सीजन 2025-26 के दौरान, हरियाणा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर जल्द भुगतान सुनिश्चित करते हुए किसानों के बैंक खातों में सीधे 5,932.47 करोड़ रुपये दिए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्य की सभी अनाज मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रवक्ता ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, राज्य की सभी अनाज मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाफेड, वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, खाद्य और आपूर्ति विभाग खरीद कार्यों में सक्रिय रूप से साथ दे रहे हैं। किसानों को अपनी उपज बेचते समय किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।उन्होंने बताया कि धान की खरीद केवल 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों से ही की जा रही है. वहीं, अब तक 2,02,812 रजिस्टर्ड किसान अपनी उपज खरीद एजेंसियों को बेच चुके हैं।
 
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अब तक हरियाणा की मंडियों में कुल 38.92 लाख टन धान की आवक हो चुकी है. इसमें से 35.34 लाख टन की खरीद हो चुकी है और 27.11 लाख टन भंडारण और प्रसंस्करण के लिए उठा लिया गया है. उन्होंने दोहराया कि खरीद भारत सरकार द्वारा अधिसूचित 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर की जा रही है और इस दर में कोई कटौती नहीं की जा रही है।

सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज को केंद्र द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप उचित रूप से सुखाने के बाद ही लाएं, जिसमें अधिकतम 17 फीसदी नमी की मात्रा भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे अपना धान पर्याप्त रूप से सुखाकर लाएं ताकि उन्हें उनकी उपज का समय पर और उचित भुगतान मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी खरीद एजेंसियों ने सुचारू खरीद के लिए मंडियों में पर्याप्त व्यवस्था की है और भीड़ भाड़ से बचने के लिए उठान की गति तेज कर दी गई है।

Related Articles

Back to top button