प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार: केंद्र ने दी 1.41 लाख घरों को मंज़ूरी, 14 राज्यों में मुस्कुराएंगे परिवार

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नई दिल्ली

शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 के अंतर्गत देश भर में 1.41 लाख नए मकानों के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इस नई मंज़ूरी के साथ, अब तक इस योजना के तहत 10 लाख से अधिक घरों को स्वीकृति मिल चुकी है। यह पहल देश के उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो लंबे समय से एक सुरक्षित और स्थायी छत का सपना देख रहे हैं।

14 राज्यों को मिला लाभ, सीएसएमसी ने दी स्वीकृति
यह निर्णय हाल ही में आयोजित सेंट्रल सैंक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी (CSMC) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता आवास और शहरी मामलों के सचिव स्रीनिवास कटिकिथाला ने की। इस अहम बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और तय किया गया कि घरों के निर्माण कार्य को तेज़ी से पूरा किया जाए।

जिन 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बार लाभ मिला है, उनमें शामिल हैं: असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश।

सिर्फ घर नहीं, बेहतर जीवन का वादा
सरकार का ध्यान केवल मकान बनवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन घरों के आसपास जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर — जैसे कि सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, और संचार की सुविधाएं भी विकसित हों। इसका उद्देश्य है कि इन घरों में रहने वाले लोगों को सिर्फ छत नहीं बल्कि बेहतर जीवनशैली भी मिले।

सचिव कटिकिथाला ने साफ तौर पर कहा कि मकानों के लिए ऐसे स्थान चुने जाएं जहाँ बुनियादी सुविधाएं पहले से उपलब्ध हों या जल्दी विकसित की जा सकें। इससे लाभार्थियों को जीवन यापन में सहूलियत होगी और उन्हें रोज़मर्रा की परेशानियों से नहीं जूझना पड़ेगा।

PMAY-Urban 2.0: मकसद और दृष्टिकोण
यह योजना केवल एक मकान देने की कोशिश नहीं है, बल्कि सामाजिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। PMAY-Urban 2.0 का मूल उद्देश्य है कि शहरी इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर तबके को एक स्थायी और सुरक्षित आवास मुहैया कराया जाए।

 

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