कर्नाटक सत्ता संघर्ष: DK को CM बनाने पर सहमत दिखा सिद्धारमैया गुट, क्या बदलेगी सियासी तस्वीर?

Spread the love

बेंगलुरु 
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों का दौर जारी है। इसी बीच सीएम सिद्धारमैया कैम्प से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन के सुर उठने लगे हैं। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सत्ता संघर्ष को लेकर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान दोनों नेताओं को आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली तलब कर सकता है।

सिद्धारमैया के करीबी माने कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि वह खुद भी सीएम रेस में हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जब कोई मुझसे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षा के बारे में पूछता है, तो मैं बता देता हूं कि मैं भी सीएम की रेस में हूं। लेकिन अगर सत्ता में बदलाव होता है और डीके मुख्यमंत्री बनते हैं, तो हम उसे स्वीकार करेंगे।'

परमेश्वर ने खुद को लेकर कहा कि कांग्रेस आलाकमान उनके 'योगदान' के बारे में अच्छे से जानती है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया है कि अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व का ही होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार होते। उन्होंने सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच किसी समझौते की जानकारी से इनकार किया है।

1 दिसंबर से पहले हो सकता है फैसला
एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान 1 दिसंबर से पहले कर्नाटक पर बड़ा फैसला ले सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मुलाकात आने वाले एक या दो दिनों में हो सकती है। हालांकि, इसे लेकर कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। 1 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और पार्टी इससे पहले इस मुद्दे को सुलझाना चाहेगी।

सीक्रेट डील
कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद सत्तारूढ़ दल के भीतर सत्ता को लेकर खींचतान तेज हो गई है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष तेज हो गया है। 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के ढाई साल पूरा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित 'सत्ता साझेदारी' समझौते का दावा किया जा रहा है।

सिद्धरमैया ने हाल ही में कहा था कि वह पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे और भविष्य में राज्य का बजट पेश करना जारी रखेंगे। शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी में चार-पांच लोगों के बीच एक 'गुप्त समझौता' है, और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है।

 

Related Articles

Back to top button